Success Story of Pearl Farming: आज के समय में महिला पुरुषों की तरह हर तरह के काम करने में सक्षम है। आज महिलाएं न सिर्फ अच्छा पैसा कमाने लगे हैं बल्कि अपने कामों के जरिए दुनिया भर में अपनी अलग पहचान बना रही है। आज एक तरफ कई महिलाएं घर बैठे बिजनेस करने के नए-नए तरीके सोचती रहती हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ महिलाएं नौकरी करके अपनी आमदनी बढ़ाती हैं और आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाती हैं। आज की कहानी है उत्तर प्रदेश के आगरा की रहने वाली एक महिला की जिसने घर में रहकर घर के पुराने बाथटब में मोती (Success Story of Pearl Farming) उगाया, इससे उसे अच्छी आमदनी हुई।
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जी हां हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में रहने वाली रंजना यादव की। रंजना यादव दो बच्चों की मां है। वह बच्चों की देखभाल करने के साथ-साथ बिजनेस (Success Story of Pearl Farming) करती हैं। बताया जाता है कि जब रंजना ने पहली बार मोतियों को उगाने का बिजनेस (Success Story of Pearl Farming) शुरू किया था तो उनका परिवार इसके खिलाफ था क्योंकि उनके परिवार में कभी भी बिजनेस जैसा कोई काम नहीं किया था। लेकिन रंजना ने बिजनेस किया। जब रंजना में बिजनेस करने का फैसला किया तो हर कोई यही कह रहा था कि वह इसमें सफल नहीं हो पाएंगे लेकिन रंजना ने सफल होकर दिखाया। आज लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं।
Success Story of Pearl Farming :बाथरूम में उगाया मोती –
रंजना यादव 27 वर्ष की है। उन्होंने फॉरेस्ट्री में एमएससी की डिग्री हासिल की है। पढ़ाई करने के बाद उन्होंने सोचा कि वह खुद का बिजनेस शुरू करेंगी। बिजनेस करने का विचार जबउनके मन में आया तो उन्होंने मोती उगाने का फैसला किया। लेकिन परिवार वालों का साथ नहीं मिल रहा था। इसलिए उन्हें शुरुआत में थोड़ा मुश्किल हुई।
उसी समय उनकी सहेली नहीं केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई स्टार्टअप योजना के बारे में बताया। योजना को जानने के बाद रंजना ने मोतियों को उगाने में मदद मिली। उन्होंने छोटे स्तर पर अपने बिजनेस की शुरुआत की। इसके लिए उन्होंने घर में पड़ा पुराना बाथ टब का इस्तेमाल किया (Success Story of Pearl Farming) और उसमें मोती की खेती करना शुरू किया।
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पहले महीने ही हुआ मुनाफा –
रंजना यादव ने बाथटब में सिर्फ 12 सीप लगाए थे और उसकी देखभाल की। 12 महीने के बाद इसका अच्छा रिजल्ट देखने का मिला(Success Story of Pearl Farming)। उन्होंने देखा कि हर सीप में दो से तीन मोती आ गए थे। लेकिन उन्हें शुरुआत में मोतियों की सही कीमत नहीं मिल पा रही थी। तब उन्होंने इंटरनेट की सहायता से इसके बारे में जानकारी हासिल की। उन्हें हैदराबाद के ज्वेलरी बाजार के बारे में पता चला जहां पर उनके मोतियों की उन्हें अच्छी कीमत मिल रही थी।

रंजना अपने मोती बाजार में बेचने का फैसला किया। एक मोती की कीमत 300 से 500 रुपये के आसपास है। इस तरह उन्हें पहली बार में लगभग 99 हजार का मुनाफा हुआ। सफलता (Success Story of Pearl Farming) से खुश हो कर रंजना ने बड़े पैमाने पर इस का बिजनेस शुरू कर दिया। बिजनेस करने के लिए मोती की खेती करने के लिए उन्होंने भुवनेश्वर के सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेश वॉटर एक्वाकल्चर से संपर्क किया। यहां से रंजना मोती की खेती करने के बारे में जानकारियां जुटाई फिर अपने पैतृक घर में उन्होंने इसकी खेती करना
शुरू किया।
पिता की मदद से अधिक सीप लगाया फिर लाखो में होने लगी आमदनी –
बिजनेस करने के लिए रंजना के पिता ने काफी मदद की। रंजना ने अपने पिता की मदद से अधिक संख्या में सीप लिया और मोती की खेती को विस्तार दिया। अब रंजना खेती की देखभाल करने के साथ-साथ अपने बच्चों की परवरिश का भी ध्यान रखती हैं। अब वह हर दिन 3 से 4 घंटे खेती के लिए समय निकालती हैं। रंजना से अन्य लोग भी प्रेरित हो रहे है। पिछले 2 सालों में रंजना ने करीब 10 किसानों को मोती की खेती के बारे में जानकारी प्रदान की है।
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