Khan sir success story in hindi-
दोस्तो अगर आप भी देश और दुनिया से जुड़ी खबरों को जानने की इच्छा रखते है तो आपने खान सर के बारे मे जरूर सुना होगा। इनका यूट्यूब पर Khan GS नाम से एक चैनल है। इस पर अब तक तकरीबन 12 मिलियन से भी ज्यादा सब्सक्राइबर है। इनकी सबसे खास बात ये है की किसी भी टॉपिक को बड़े ही आसानी से एक्सप्लेन कर देते है।
ये टीचिंग करते समय बीच मे अपनी भोजपुरी भाषा का जिस तरह से इस्तेमाल करते है, उससे उनके पढ़ने वालों को समझने मे काफी आसानी होती है। इस वजह से ज्यादा से ज्यादा लोग इनकी विडियो को देखने आते है।
खान सर मुश्किल से मुश्किल लगने वाली थ्योरी को अपनी सरलता के साथ समझाते है, की पढ़ने वालों को लगता ही नहीं की वो कोई कठिन टॉपिक के बारे मे पढ़ रहे है। तो आप लोग सोंच रहे होगे की कौन है ये खान सर कैसे इन्होने अपने चैनल की शुरुआत की। तो इस लेख मे हम खान सर की ज़िंदगी की पूरी कहानी जानेंगे।
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खान सर का जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले मे हुआ था। ये बाकी आम लोगो की तरह ही मिडल क्लास परिवार से हैं। इनका परिवार आर्थिक मामलों मे ज्यादा मजबूत नहीं था। इसलिए इनको अपने मुकाम को हासिल करने मे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। शुरू मे गरीबी के कारण इनके अंदर मेहनत करने का हौसला था।
आपको जानकार हैरानी होगी की इन्होने अपनी शुरुआती पढ़ाई बड़े स्कूल या कोचिंग सेंटर से नहीं की थी। बल्कि अपने ही गांव के पास के एक सरकारी स्कूल से की थी।
स्कूल के शुरुआती सालो मे खान सर ज्यादा पढ़ाई मे ध्यान नहीं देते थे। और इस बारे मे उन्होने अपने इंटरव्यू मे कहा था। की वो एक बहुत एवरेज स्टूडेंट थे। उनका कभी भी पढ़ाई मे ज्यादा ध्यान नहीं रहता था। हालांकि उनकी माँ के डांट का असर उन पर जरूर हुआ था। फिर वो 9th क्लास के बाद समझदार और काफी होशियार स्टूडेंट हो गए थे। इसी समय से उन्होने अपने पसंदीदा विषय जैसे- हिस्ट्री, भूगोल को लगाव के साथ पढ़ना शुरू कर दिया था।
वो ये भी बताते है की 9वी क्लास मे जो उन्हे पढ़ाई का एहसास हुआ था। वही एहसास उन्हे आज तक पढ़ाई की तरफ उलझाए रखता है। 10वी से लेकर 12वी तक काफी अच्छे नंबरो से पास हुए, जिसके चलते उनके घरवाले काफी खुश हुए थे।
उनके पिता एक मिलिट्री ऑफिसर थे और माँ एक हाउसवाइफ थी। कुछ समय बाद ही उनके पिता रिटायर हो गए और उनके भाई आर्मी में भर्ती हो गए। इससे आपको अंदाजा लग ही गया होगा की उनके परिवार को देश के प्रति कितना लगाव रहा है। खुद खान सर की ज़िंदगी का एक ही सपना था की उन्हे बड़े होकर एक आर्मी ऑफिसर बनना है। इसलिए वो दिन रात पढ़ाई किया करते थे। खास बात ये है की जितने भी वो सबजेक्ट पढ़ते थे वो उन्हे काफी इंटरेस्टिंग लगते थे। और इसी वजह से उन्हे कोई भी दिक्कते नहीं आती थी।
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इतनी पढ़ाई करने के बाद जब उन्होने फाइनली NDA का EXAM दिया तो वो काफी अच्छे मार्क्स के साथ पास हुए, लेकिन दुर्भाग्यवश उनका सलेक्शन नहीं हुआ और इसके पीछे वजह थी उनकी फिटनेस राउंड इसमे उनको बाहर कर दिया गया ये बात जब खान सर को पता चला तो वो काफी दुखी हुए उन्होने खुद को कोशना शुरू किया क्योकि उनके हाथो मे जो दिक्कत थी वो इसको ठीक भी नहीं कर सकते थे। इस कंडीशन मे कोई इलाज न होने से वो और दुखी हुए।
फिर उनके माता पिता ने उनका हौसला बढ़ाते हुए कहा की तुम इंडियन आर्मी मे सलेक्ट नही हुए तो क्या हुआ तुम अभी देश की सेवा अच्छी तरीको से कर सकते हो। ये सब बात समझने के बाद खान सर काफी मोटिवेट हुए और उन्होने वापसी करने का पूरा फैसला कर लिया तब से उनका एक ही लक्ष्य रहा है की जनता की सेवा करना। उसके बाद उन्होने अपनी पढ़ाई इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से BSC AND MSC से पूरी करी।
आपको जानकार हैरानी होगी की जब वो BSC की पढ़ाई कर रहे थे तो वो तीन बार जेल भी जा चुके थे। दरअसल जब वो कॉलेज मे थे तो स्टूडेंट यूनियन के मेम्बर थे, स्टूडेंट के हित मे लड़ते हुए उन्हे जेल की हवा खानी पड़ी थी। ज़िंदगी की कठनाइयों से रूबरू हुए तो एहसास हुआ की किस किस तरह हमारा समाज राजनीति के कारण बद से बदतर होता जा रहा है।
और गरीब बच्चे ढंग से शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे थे। और यहाँ तक के कई बच्चे तो बाल मजदूरी करके अपने घर को चला रहे है। ये सब उन्हे हजम नहीं हुआ और उन्होंने जॉब करने के बजाय वो गरीब बच्चो को शिक्षा देने पर ध्यान दिया। पर ये इतना आसान नहीं था, जैसा की हम सब जानते है की खान सर की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी। उन्होने अपने बचाए हुए पैसे और अलग जगहो से पैसा इकठ्ठा किया और पटना मे अपना कोचिंग सेंटर खोल दिया जहां पर बच्चो को पढ़ाने लगे।
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शुरुआत मे तो इनके कोचिंग सेंटर मे बहुत कम बच्चे पढ़ने आते थे उस समय खान सर की कम्यूनिकेशन और टीचिंग स्किल काफी अच्छी थी। और इसी से उन्होने अपने बच्चो को पढ़ाने का नया तरीका खोजा वो अपनी हिन्दी या इंगलिश के बजाय वो प्योर भोजपुरी भाषा मे सिखाने लगे जिससे बच्चे पढ़ाई पर पूरी तरह से ध्यान दे सके और उन्हे अच्छे से मैटर भी समझ मे आ जाए। खान सर की टीचिंग का ये तरीका धीरे-धीरे रंग लाने लगा था और बच्चे उन्हे काफी पसंद करने लगे थे। इसी के कारण समय के साथ उनकी कोचिंग सेंटर मे बच्चो की संख्या भी बढ़ने लगी थी। फिर एक समय ऐसा आया की कोचिंग सेंटर मे बैठने के लिए जगह तक कम पड़ने लग गई थी।
उसके बाद खान सर ने एक बड़ा सा हॉल खरीद लिया जिसमे 2000 बच्चे बैठ सकते थे। धीरे-धीरे उनकी इनकम भी काफी अच्छी होती जा रही थी, साथ मे खान सर का आत्मविश्वास भी बढ़ता चला जा रहा था।
फिर जब ये हॉल भी बच्चो के लिए कम पड़ने लगा था तो खान सर को काफी बुरा लगा की बाकी बच्चे उनकी क्लास अटेंड नहीं कर पा रहे थे। और फिर वो समय आया जिसमे खान सर की नहीं बल्कि देश के लाखो युवाओ का भविष्य बदल दिया। खान सर ने सोंचा की ऑफलाइन सिखाने के बजाय वो ऑनलाइन पढ़ाकर बच्चो तक अपनी नॉलेज को पहुचा सकते है। उन्होने अपनी ऑनलाइन क्लास अपने यूट्यूब चैनल khan gs research centre पर शुरू कर दिया। हालांकि शुरुआत मे यूट्यूब पर लोग अनदेखा कर रहे थे लेकिन जो भी उनके पढ़ाने का तरीका देख लेता था वो उनका फैन हो जाता था। धीरे-धीरे इनका नाम बिहार के अलावा पूरे देश मे फैलने लगा।
समय के साथ खान सर ने अपने सिखाने के तरीके को बढ़ाया और देखते ही देखते उनके यूट्यूब चैनल पर मिलियन सब्सक्राइबर पूरे हुए हर स्टूडेंट के जुबान पर एक ही नाम था ‘खान सर’। आज के समय मे उनके चैनल पर 12 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर है और इनके हर विडियो पर 3 मिलियन से ज्यादा व्यूज आ रहे है। इसी के साथ मे ये यूट्यूब के जाने माने सितारो मे से एक बन गए है।
अब तो आप समझ ही गए होगे की खान सर इतने कम समय मे कितने फेमस हुए।
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